पौराणिक अग्न्युत्तारण विधि मंत्र – agni uttaran mantra

पौराणिक अग्न्युत्तारण विधि मंत्र पौराणिक अग्न्युत्तारण विधि मंत्र

हम जब किसी भी धातु आदि प्रतिमा की प्राणप्रतिष्ठ करते हैं तो उससे पूर्व अवघातादिदोष निवारण हेतु दूध/जल की धारा देते हुये अग्न्युत्तारण करते हैं। वैदिक अनुष्ठानों में तो वेद मंत्रों द्वारा यह किया जाता है किन्तु यदि हम वेदाधिकार रहित यजमान से प्रतिष्ठा करा रहे हों तो हमें पौराणिक मंत्र की आवश्यकता होगी और इसके लिये यह आवश्यक हो जाता है कि हमें अग्न्युत्तारण के पौराणिक मंत्र भी ज्ञात हों। यहां अग्न्युत्तारण के पौराणिक मंत्रों का संकलन किया गया है जो कर्मकांडियों के लिये विशेष उपयोगी सिद्ध होगा।

अवघातादिदोषाणां परिहारार्थमेव च ।
अग्न्युत्तारणकं प्राणप्रतिष्ठां च समाचरेत् ॥
मूर्तिं पात्रे निधायैव दुग्धधारा प्रपातयेत् ।
जलधारां ततः कुर्यात् सूक्तं पठेत् पुनः पुनः॥

अवघातादिदोषों के परिहार हेतु अग्न्युत्तारण करके प्राणप्रतिष्ठा करे। अग्न्युत्तारण के लिये प्रतिमा को किसी पात्र में स्थापित करके दुग्धधारा देकर जलधारा दे और सूक्त को बारम्बार पढ़े। बारम्बार पढ़े अर्थात ३ बार तो पढ़े ही पढ़े और भी अधिक पढ़ा जा सकता है।

पौराणिक अग्न्युत्तारण विधि मंत्र - agni uttaran mantra

यहां जो पौराणिक अग्न्युत्तारण मंत्र प्रस्तुत किया गया है यह लक्ष्मीनारायणसंहिता के खण्डः २ (त्रेतायुगसन्तानः) के अध्याय १४७ में मिलता है अर्थात प्रामाणिक है और इसकी पुष्टि की जा सकती है।

यहीं पर जब हम मिथिला में पूजा करें तो वहां षड्देवता हो जाते हैं और इसमें एक अन्य देवता जो जुड़ते हैं वो अग्नि होते हैं। यदि षड्देवता का ध्यान-पूजन करना हो तो अग्नि के ध्यान मंत्र को भी समाहित किया जायेगा। आगे अग्नि का ध्यानमंत्र भी दिया गया है :

कर्मकांड विधि में शास्त्रोक्त प्रमाणों के साथ प्रामाणिक चर्चा की जाती है एवं कई महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा पूर्व भी की जा चुकी है। तथापि सनातनद्रोही उचित तथ्य को जनसामान्य तक पहुंचने में अवरोध उत्पन्न करते हैं। एक बड़ा वैश्विक समूह है जो सनातन विरोध की बातों को प्रचारित करता है। गूगल भी उसी समूह का सहयोग करते पाया जा रहा है अतः जनसामान्य तक उचित बातों को जनसामान्य ही पहुंचा सकता है इसके लिये आपको भी अधिकतम लोगों से साझा करने की आवश्यकता है।

कर्मकांड विधि में शास्त्रोक्त प्रमाणों के साथ प्रामाणिक चर्चा की जाती है एवं कई महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा पूर्व भी की जा चुकी है। तथापि सनातनद्रोही उचित तथ्य को जनसामान्य तक पहुंचने में अवरोध उत्पन्न करते हैं। एक बड़ा वैश्विक समूह है जो सनातन विरोध की बातों को प्रचारित करता है। गूगल भी उसी समूह का सहयोग करते पाया जा रहा है अतः जनसामान्य तक उचित बातों को जनसामान्य ही पहुंचा सकता है इसके लिये आपको भी अधिकतम लोगों से साझा करने की आवश्यकता है।

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