अशौच में नवरात्रि और रजस्वला संबंधी सप्रमाण शास्त्रोक्त जानकारी - ashauch me navratri

अशौच में नवरात्रि और रजस्वला संबंधी सप्रमाण शास्त्रोक्त जानकारी – ashauch me navratri

अशौच में नवरात्रि और रजस्वला संबंधी सप्रमाण शास्त्रोक्त जानकारी – ashauch me navratri : अशौच संबंधी सामान्य नियम तो हैं ही नवरात्र में कुछ विशेष नियम भी हैं जिसको जाने-समझे बिना सही निर्णय लेना कठिन होता है।

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शिववास विचार

शिववास विचार – Shivwas Vichar

शिववास विचार – Shivwas Vichar  भगवान शिव की पूजा के अनेक प्रकार और विधियां हैं। शिवपूजा में लिंग पूजा ही प्रमुख है। लिंग पूजा में भी अनेकों प्रकार होते हैं जैसे नर्मदेश्वर शिव लिंग, पार्थिव लिंग, पारद लिंग आदि। शिवलिंग की पूजा करने में अभिषेक का भी विशेष महत्व होता है जिसे रुद्राभिषेक कहा जाता…

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अग्निवास विचार - हवन करने के लिए अग्निवास कैसे निकालते हैं

वह्निवास अर्थात अग्निवास विचार – हवन करने के लिए अग्निवास कैसे निकालते हैं ?

अग्निवास विचार – हवन करने के लिए अग्निवास कैसे निकालते हैं : सैका तिथिर्वारयुता कृताप्ता शेषे गुणेऽभ्रे भुवि वह्निवासः ।
सौख्याय होमे शशियुग्मशेषे प्राणार्थनाशो दिवि भूतले च ॥

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सोलह संस्कार क्या है ? संस्कार का महत्व

सोलह संस्कार क्या है ? संस्कार का महत्व

गर्भाधान से विद्यारंभ तक के संस्कारों को गर्भ संस्कार भी कहते हैं। इनमें पहले तीन (गर्भाधान, पुंसवन, सीमन्तोन्नयन) को अन्तर्गर्भ संस्कार तथा इसके बाद के छह संस्कारों को बहिर्गर्भ संस्कार कहते हैं। गर्भ संस्कार को दोष मार्जन वा शोधक संस्कार भी कहा जाता है। दोष मार्जन संस्कार से तात्पर्य है कि शिशु के पूर्व जन्मों…

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पितृपक्ष कब है 2024

पितृपक्ष 2024 : महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर

 पितृपक्ष 2024 : महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर देवकर्म से अधिक महत्वपूर्ण पितृकर्म होता है। पितरों के निमित्त किया गया कर्म श्राद्ध कहलाता है। आश्विन माह का कृष्णपक्ष पितृपक्ष कहलाता है। पितृपक्ष में प्रतिदिन श्राद्ध करना चाहिये। जो प्रतिदिन श्राद्ध नहीं कर सकते वो कम-से-कम 10 दिन करे, जो 10 दिन भी नहीं कर सकते…

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पूजा क्या है

पूजा क्या है पूजा क्या है ?       पूजा का शाब्दिक अर्थ ‘सम्मान देना/आदर-सत्कार करना’ बताया गया है। कर्मकाण्ड में पूजा एक प्रक्रिया है जो जीव और ईश्वर के मध्य घटित होता है। इसमें मनुष्य पत्र-पुष्प-फलादि ईश्वर को प्रतिमा या आवाहित स्थान पर समर्पित करता है और जब ये प्रक्रिया मन ही मन होती है…

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कर्मकाण्ड

कर्मकांड कर्मकाण्ड क्या है ?         सबसे पहले तो हमें यह जानने की आवश्यकता है कि कर्मकांड क्या है अथवा कर्मकांड किसे कहते हैं ? बहुधा कर्मकांड को श्राद्ध कर्म का पर्यायवाची समझने की भूल लोग करते हैं और श्राद्ध कराने वाले ब्राह्मण को कर्मकांडी कहते हैं। तो क्या जो श्राद्ध नहीं…

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