कर्मकांड सीखना अर्थात कर्मकांड कैसे सीखें

पितृ कर्म प्रकरण – Pitri Karm

पितृ कर्म प्रकरण – Pitri Karm : पितृकर्मों से पूर्व प्रेतकर्म होता है और प्रेतत्व की निवृत्ति न होने पर पितृपद प्राप्ति ही संभव नहीं है, अर्थात किसी की मृत्यु होने पर जो श्राद्ध किया जाता है वह प्रेत के निमित्त ही किया जाता है और प्रेतकर्म ही होता है। षोडशश्राद्ध होने के एक वर्ष पश्चात् अर्थात वार्षिक श्राद्ध से पितृकर्म का आरंभ होता है। प्रथमतया प्रेतकर्म को ही देखते हैं :

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पितृपक्ष कब है 2024

पितृपक्ष 2024 : महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर

 पितृपक्ष 2024 : महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर देवकर्म से अधिक महत्वपूर्ण पितृकर्म होता है। पितरों के निमित्त किया गया कर्म श्राद्ध कहलाता है। आश्विन माह का कृष्णपक्ष पितृपक्ष कहलाता है। पितृपक्ष में प्रतिदिन श्राद्ध करना चाहिये। जो प्रतिदिन श्राद्ध नहीं कर सकते वो कम-से-कम 10 दिन करे, जो 10 दिन भी नहीं कर सकते…

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नान्दी श्राद्ध करने की संपूर्ण विधि

नान्दीमुख श्राद्ध विधि – आभ्युदयिक श्राद्ध या वृद्धि श्राद्ध क्या है ?

नान्दीमुख श्राद्ध विधि  वृद्धिश्राद्ध विधान वृद्धिश्राद्ध/नान्दीमुख या आभ्युदयिक श्राद्ध के निमित्त मातृका पूजन किया जाता है। वाचस्पति – आदौप्रधान संकल्पः ततः पुण्याहवाचनम् । मातृपूजा ततः कार्या वृद्धिश्राद्धं ततः स्मृतम् ॥ प्रधानकर्म संकल्प करके पुण्याहवाचन करे, तत्पश्चात मातृकापूजा और फिर वृद्धिश्राद्द करे । मातृका- पूजनावश्यकता विष्णुपुराण – अकृत्वा मातृयागं तु वैदिकं यः समाचरेत् । तस्य क्रोधसमायुक्ता…

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