मंत्र प्रयोग वेबसाइट संपूर्ण कर्मकांड विधि की सहयोगी है। यहां वो विषय दिये जायेंगे जो संपूर्ण कर्मकांड विधि पर अनुपलब्ध (कुछ के अतिरिक्त) होंगे, जैसे अनुपनीत कर्मकांड विधि।
मंत्र प्रयोग (कर्मकांड कैसे सीखें) पर क्या-क्या है ?
धर्म का एक महत्वपूर्ण भाग कर्मकांड भी है, धर्म पद का एक ही तात्पर्य होता है सत्य सनातन धर्म, एवं वो सभी शब्द जो अन्य भाषाओं के हैं व धर्म के पर्याय अथवा समानार्थी रूप से प्रयुक्त किये जाते हैं ये युक्तियुक्त नहीं है क्योंकि उनमें धर्म के लक्षणों का सर्वथा अभाव होता है। हमारा प्रयास कर्मकांड के प्रति जागृत करना है और इस हेतु तीन भिन्न वेबसाइटों के माध्यम से कर्मकांड संबंधी चर्चा करते हैं।
- कर्मकांड सीखें पर कर्मकांड के सभी विषयों का विस्तृत विवेचन किया जाता है जिससे कर्मकांड के विभिन्न विषयों को सीखने-समझने में बहुत ही सहयोग प्राप्त होता है।
- संपूर्ण कर्मकांड विधि पर सभी प्रकार के पूजा-पाठादि के विधि और मंत्र दिये जाते हैं।
- यहां अर्थात मंत्र प्रयोग पर मंत्र से संबंधित चर्चा की जाती है। एक ही विषय के लिये अनेकानेक मंत्र होते हैं उन सभी मंत्रों का संपूर्ण कर्मकांड विधि पर एक साथ प्रयोग नहीं किया जा सकता इसलिये उसकी जानकारी यहां दी जाती है।
वास्तव में सभी मुख्य विषय संपूर्ण कर्मकांड विधि पर ही दिये गये हैं : वर्ष भर के पर्व-त्यौहार, व्रत आदि की विधि – मंत्र और कथायें दी गयी है। हवन विधि, नामकरण विधि, मुंडन विधि, उपनयन विधि, वेदारंभ विधि, विवाह विधि, गृहारंभ विधि, गृहप्रवेश विधि, वधूप्रवेश विधि, विनायक शांति विधि , नवग्रह शांति विधि, वास्तु शांति विधि, प्राण प्रतिष्ठा विधि, श्राद्ध विधि, देवताओं के भजन, स्तोत्र, वेदों के मंत्र और सूक्त, श्री दुर्गासप्तशती, रुद्राष्टाध्यायी, नमक-चमक विधि, सत्यनारायण पूजा विधि, सत्यनारायण व्रत कथा, रामार्चा पूजा विधि – कथा इत्यादि सभी महत्वपूर्ण विषय दिये गये हैं।
यहां सभी विषय प्रामाणिक रूप से अर्थात जो शास्त्रोचित हो वो प्रस्तुत करने का प्रयास किया जाता है। किन्तु यह भी दो वर्गों के लिये दो प्रकार से प्रभाव उत्पन्न करने वाला होता है।
एक वर्ग होते हैं उचित व शास्त्रोक्त विधि का ज्ञान चाहने वाले, प्रामाणिक तथ्य प्रिय और एक दूसरा वर्ग होता है स्वेच्छाचारी जो यदा कदा एक पंक्ति भी बोलते पाये जाते हैं “जब जइसन तब तइसन, नै तइसन तॅ पंडित कइसन”; वास्तव में इस वर्ग के लोग पंडित के नाम पर कलंक होते हैं और शास्त्रोक्त व प्रामाणिक चर्चा कदापि नहीं चाहते। इस वर्ग ने कर्मकांड जो ले डूबने में कोई कमी नहीं छोड़ रखा है और ऐसे वर्ग के लिये कर्मकांड विधि पर प्रकाशित होने वाले आलेख लंका लगाने वाले होते हैं।
मंत्र प्रयोग (कर्मकांड कैसे सीखें) युक्तियुक्त व प्रामाणिक तथ्य जो शास्त्रोचित हो प्रस्तुत करता है। तथापि त्रुटियां सदैव संभावित रहती है अतः यदि कोई त्रुटी दृष्टिगत हों अथवा कोई तथ्य प्रमाण के विरुद्ध हो, युक्तियुक्त न हो तो उसके बारे में हमें अवश्य अवगत करें जिससे परिष्कार किया जा सके, साथ ही यदि कोई ऐसा प्रकरण हो जो अपेक्षित हो पर अनुपलब्ध उसके बारे में भी अवगत करें और सनातन समाज हेतु ज्ञानगंगा बन सके। इस उद्देश्य की सिद्धि हेतु विद्वज्जनों की कृपा आवश्यक है अतः अपनी कृपा अवश्य प्रदान करें ।
इसके साथ एक चिंता का विषय है कि अंतर्जाल (आभासी विश्व) पर कर्मकांड व धर्म के संबंध में बहुशः भ्रामक विषय प्रस्तुत किया गया है और प्रचारित भी। इसका मुख्य कारण विद्वानों का मौन धारण करना है। इस चिंताजनक विषय के लिये कर्मकांड कैसे सीखें विद्वद्जनों से योगदान की अपेक्षा करता है और यथाशीघ्र योगदान (आलेख लिखने) के लिये सार्थक प्रयास किया जायेगा। तब तक इच्छुक विद्वद्जन हमसे ईमेल पर संपर्क कर सकते हैं : info@karmkandvidhi.in
मंत्र प्रयोग (कर्मकांड कैसे सीखें) पर कर्मकांड, धर्म, अध्यात्म, व्रत-पर्व आदि से संबंधित आलेख निरंतर प्रकाशित किये जाते हैं। नये आलेख संबंधी सूचना के लिये आप ब्लॉग को सब्सक्राइब कर सकते हैं साथ ही हमारे व्हाट्सअप, टेलीग्राम व यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब कर सकते हैं। यहां सभी नवीनतम आलेखों को साझा किया जाता है, सब्सक्राइब करे : Telegram “Whatsapp” “Youtube“
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