यहां गणेशाम्बिका पूजन विधि (मैथिलेत्तर) दी गयी है अर्थात इस आलेख में गौरी गणेश की जो पूजा विधि बताई गयी है वह मिथिलादेशीय परंपरा से भिन्न है। यदि आप मिथिलादेशीय परंपरानुसार गणेशाम्बिका पूजा विधि देखना चाहते हैं तो यहाँ क्लिक करके देख सकते हैं। 

पञ्चदेवता व विष्णु पूजा विधि

पञ्चदेवता व विष्णु पूजा विधि : नित्यकर्म में पंचदेवता पूजन भी आता है और यदि मिथिला की बात करें तो यहां पंचदेवता नहीं षड्देवता पूजन का विधान है और यही कारण है कि मिथिला में तंत्र से पंचदेवता पूजन करके विष्णु की पूजा भी की जाती है। विष्णु की पूजा को मिलाकर देखें तो षड्देवता पूजन सिद्ध हो जाता है। कुछ लोगों को यह भ्रम रहता है कि पंचदेवता पूजन में भी विष्णु की पूजा की गयी और पुनरावृत्ति भी की गयी। किन्तु वास्तविकता यह नहीं है, वास्तव में मिथिला षड्देवता पूजन की परम्परा का पालन करता है।

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