पञ्चदेवता व विष्णु पूजा विधि

यहां गणेशाम्बिका पूजन विधि (मैथिलेत्तर) दी गयी है अर्थात इस आलेख में गौरी गणेश की जो पूजा विधि बताई गयी है वह मिथिलादेशीय परंपरा से भिन्न है। यदि आप मिथिलादेशीय परंपरानुसार गणेशाम्बिका पूजा विधि देखना चाहते हैं तो यहाँ क्लिक करके देख सकते हैं। 

नित्यकर्म में पंचदेवता पूजन भी आता है और यदि मिथिला की बात करें तो यहां पंचदेवता नहीं षड्देवता पूजन का विधान है और यही कारण है कि मिथिला में तंत्र से पंचदेवता पूजन करके विष्णु की पूजा भी की जाती है। विष्णु की पूजा को मिलाकर देखें तो षड्देवता पूजन सिद्ध हो जाता है। कुछ लोगों को यह भ्रम रहता है कि पंचदेवता पूजन में भी विष्णु की पूजा की गयी और पुनरावृत्ति भी की गयी। किन्तु वास्तविकता यह नहीं है, वास्तव में मिथिला षड्देवता पूजन की परम्परा का पालन करता है।

पञ्चदेवता व विष्णु पूजा विधि

पंञ्चदेवता पूजन :

  • अक्षत : इदं अक्षतं ॐ सूर्यादि पञ्चदेवता: इहागच्छत इह तिष्ठत ।
  • जल : एतानि पाद्यार्घाचमनीयस्नानीयानि ॐ सूर्यादि पञ्चदेवताभ्यो नम: ।
  • फूल चंदन :  इदं  सचंदनपुष्पं ॐ सूर्यादि पञ्चदेवताभ्यो नम: ।
  • अक्षत : इदं अक्षतं ॐ सूर्यादि पञ्चदेवताभ्यो नम: ।
  • जल : एतानि गंधपुष्पधूपदीपताम्बूल यथाभागनैवेद्यं ॐ सूर्यादि पञ्चदेवताभ्यो नम: ।
  • जल : आचमनीयं पुनराचमनीयम् ॐ सूर्यादि पञ्चदेवताभ्यो नम: ।
  • फूल : पुष्पांजलिं ॐ सूर्यादि पञ्चदेवताभ्यो नम: ।
  • विसर्जन : ॐ सूर्यादि पञ्चदेवता: पूजितास्थ प्रसीदत प्रसन्ना: भवत छमध्वं ।
  • (रात में पूजा करते समय गणपत्यादि पंचदेवता कहे)
पञ्चदेवता व विष्णु पूजा विधि
पञ्चदेवता व विष्णु पूजा विधि

विष्णु पूजन

  • तिल-यव : एते यवतिलाः ॐ भूर्भुवः स्व: भगवन् श्रीविष्णो इहागच्छ इह तिष्ठ।
  • जल : एतानि पाद्यार्घाचमनीयस्नानीयानि ॐ भूर्भुवः स्व: भगवते श्री विष्णवे नमः।
  • फूल चंदन :  ईदं  सचंदनपुष्पं ॐ भूर्भुवः स्व: भगवते श्री विष्णवे नमः।
  • अक्षत : इदं अक्षतं ॐ भूर्भुवः स्व: भगवते श्री विष्णवे नमः।
  • जल : एतानि गंधपुष्पधूपदीपताम्बूल यथाभागनैवेद्यं ॐ भूर्भुवः स्व: भगवते श्री विष्णवे नमः।
  • जल : आचमनीयं पुनराचमनीयम् ॐ भूर्भुवः स्व: भगवते श्री विष्णवे नमः।
  • फूल : पुष्पांजलिं ॐ भूर्भुवः स्व: भगवते श्री विष्णवे नमः।
  • विसर्जन : ॐ भूर्भुवः स्व: भगवन् विष्णो पूजितोसि प्रसीद प्रसन्नो भव छमस्व ।

विनम्र आग्रह : त्रुटियों को कदापि नहीं नकारा जा सकता है अतः किसी भी प्रकार की त्रुटि यदि दृष्टिगत हो तो कृपया सूचित करने की कृपा करें : info@karmkandvidhi.in

कर्मकांड विधि में शास्त्रोक्त प्रमाणों के साथ प्रामाणिक चर्चा की जाती है एवं कई महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा पूर्व भी की जा चुकी है। तथापि सनातनद्रोही उचित तथ्य को जनसामान्य तक पहुंचने में अवरोध उत्पन्न करते हैं। एक बड़ा वैश्विक समूह है जो सनातन विरोध की बातों को प्रचारित करता है। गूगल भी उसी समूह का सहयोग करते पाया जा रहा है अतः जनसामान्य तक उचित बातों को जनसामान्य ही पहुंचा सकता है इसके लिये आपको भी अधिकतम लोगों से साझा करने की आवश्यकता है।

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