रक्षा विधान - दिग्बंधन मंत्र

दिग्बंधन विधि या दिग्-रक्षण

दिग्बंधन विधि या दिग्रक्षण : बांये हाथ में पिली सरसों, तिल, दूर्वा आदि लेकर दांये हाथ से ढंककर रक्षोघ्नसूक्त का पाठ करना चाहिए। तत्पश्चात दशों दिशाओं में छिड़काव करना चाहिए। कर्म भंग न हो और असुरादिकों को भाग न मिले इसलिए रक्षाविधान एक विशेष प्रक्रिया है और सजगतापूर्वक इस क्रिया को वैदिक विधि से सम्पादित करने की आवश्यकता होती है।

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