घरौंदा बनाने का तरीका

घरौंदा क्या है ?

घरौंदा क्या है ?


आइये आज हम घरौंदा की गुप्त बातों को जानते हैं जो कोई नहीं बताता है।

दीपावली में लगभग हर कोई एक घरौंदा बनाकर उसमें लक्ष्मी और गणेश की पूजा करते हैं। घरौंदा का अर्थ क्या है :- मिट्टी का छोटा सा घर। दीपावली पर मिट्टी के जो छोटे घर बनाये जाते थे उसको घरौंदा या घरको या घरकुन्ना या घरको मलिया इत्यादि कई नामों से जाना जाता है। 

दीपावली के दिन घरौंदा में लक्ष्मी-गणेश की पूजा की जाती है। इसे भगवान श्रीराम के अयोध्या आगमन से भी जोड़कर देखा जाता है। कुछ जगहों पर जितने बहन और भाई से जोड़कर भी देखा जाता है, जितने भाई होते हैं उतने महल का घरौंदा बहन बनाकर पूजा करती है और सुबह में प्रसाद दिया जाता है। 

अब हम घरौंदा के सम्बन्ध में जो मुख्य बात है उसपर चर्चा करेंगे :

दीपावली को लक्ष्मी अपने निवासस्थान ढूंढने के लिये आधी रात में भ्रमण पर निकलती है और हर कोई लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिये विविध प्रकार से पूजा-अर्चना करता है। व्यावसायिक स्थानों पर तो बृहत् पूजा होती ही है लेकिन घर में भी सभी लक्ष्मी पूजा करते हैं और इसके लिये मंदिर बनाते हैं और वही मंदिर घरौंदा या घरको अथवा अन्य नामों से जाना जाता है। उस मंदिर अर्थात घरौंदा में लक्ष्मी गणेश की पूजा भी की जाती है। और इस मुख्य तथ्य की जानकारी नहीं होने के कारण ही अब लोग अवांछित वस्तुओं से निर्मित खिलौना घरौंदा बाजार से खरीदकर लाते हैं। आवश्यकता यह है कि लोगों को सही तथ्य ज्ञात करने का प्रयास करना चाहिये और धर्म-कर्म से जुड़ी हर बात-व्यवहार को केवल परम्परा-प्रथा कहकर निर्वहन करने की सोच से मुक्ति पाने का भी प्रयास करना चाहिये। 

सनातन में जो भी धर्मकर्म कहे गये हैं सभी प्रकृति संरक्षण-संवर्द्धन पूर्वक ही कर्तव्य हैं। इको फ्रेंडली के लिये भले ही दुनियां वाले चिल्ला रहे हों लेकिन सनातन स्वभावतः इको फ्रेंडली है। इसलिये मिट्टी-लकड़ी आदि वस्तुओं से ही घरौंदा बनाया जाना चाहिये। थर्मोकॉल न तो इको फ्रेंडली है और न ही शुद्ध पदार्थ है जिसका उपयोग किया जाय। यदि लक्ष्मी कृपा चाहने वालों को ऐसी गलतियां भूलकर भी नहीं करनी चाहिये। 


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