कर्मकाण्ड

कर्मकांड

कर्मकाण्ड क्या है ?

   

    सबसे पहले तो हमें यह जानने की आवश्यकता है कि कर्मकांड क्या है अथवा कर्मकांड किसे कहते हैं ? बहुधा कर्मकांड को श्राद्ध कर्म का पर्यायवाची समझने की भूल लोग करते हैं और श्राद्ध कराने वाले ब्राह्मण को कर्मकांडी कहते हैं। तो क्या जो श्राद्ध नहीं कराते हैं उन ब्राह्मणों कर्मकांडी नहीं मानना चाहिये ये एक प्रश्न उठता है और इसका कारण यही है कि कर्मकांड को श्राद्ध का पर्याय समझना। कर्मकांड क्या है ? कर्मकांड के कितने प्रकार हैं इन दो विषयों से सम्बंधित लिंक यहाँ दिये गये हैं। यहां क्लिक करके आप कर्मकांड की परिभाषा और कर्मकांड के प्रकार की जानकारी ले सकते हैं। 

संक्षिप्त परिभाषा : लौकिक एवं पारलौकिक सुख की प्राप्ति के लिए कर्ममार्ग का विधान कर्मकाण्ड है।”

                                          कर्मकाण्ड क्या है ?

         अब हम कर्मकांड का विषय कर्म  के प्रकारों को समझेंगे। यद्यपि इसके प्रकारों का निर्धारण भी कई प्रकार से किया जाता है। कर्मकाण्ड तीन प्रकार के कहे गए हैं : नित्य कर्म, नैमित्तक कर्म और काम्य कर्म। इन तीनों के बारे में और जानने के लिये नीचे सम्बंधित प्रकार पर क्लिक करें –

     १.  नित्य कर्म                 २.   नैमित्तिक कर्म                    ३.  काम्य कर्म

          पुनः प्राकारांतर से दो भेद होते हैं : सकाम कर्म और निष्काम कर्म। 

अंग :- कर्मकाण्ड के तीन अंग कहे गए हैं : १. कंडी,  २. पिंडी  और  ३. चंडी। 

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