चैत्र मास के त्यौहार व व्रत पर्वों को जानें – chaitra maas ke tyohar

चैत्र मास के त्यौहार व व्रत पर्वों को जानें - chaitra maas ke tyohar

चैत्र माह में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से ही संवत्सरारंभ होता है और अनेकों पंचांग हैं जो संवत्सरारंभ से ही प्रारम्भ भी होते हैं। किन्तु और भी अनेकों पंचांग हैं जो कृष्णादि होते हैं व अन्य माहों से भी आरंभ होते हैं। चैत्र मास में अनेकों व्रत पर्व होते हैं जिनमें से प्रमुख तीन हैं होली, नवरात्रि और रामनवमी। इस आलेख में सम्पूर्ण चैत्र मास के त्यौहार व व्रत पर्वों (chaitra maas ke tyohar) की जानकारी दी गयी है।

यद्यपि अदृश्य पंचांग कर्ताओं द्वारा यह बताया जा रहा है कि व्रत-पर्व-मुहूर्तादि में अदृश्य पंचांग ही ग्राह्य होता है किन्तु यह व्यापारिक वक्तव्य होता है, वास्तविकता यही है कि व्रत-पर्व हो अथवा मुहूर्त शोधन सर्वत्र दृक पंचांग ही ग्राह्य है, और अदृश्य पंचांग के पोषक जो तथ्य (प्रमाण) देकर अदृश्य पंचांग का समर्थन करते हैं वो भी अदृश्य पंचांग का खंडन करते हुये दृश्य पंचांग की ही सिद्धि करते हैं। इस प्रकार व्रत-पर्व हो अथवा शुभ मुहूर्त सर्वत्र दृश्य पंचांग से ही निर्णय करना चाहिये, जातक तो निर्विवाद दृक पंचांग से करे।

चैत्र मास की चर्चा में आपको चैत्र मास के पंचांग की भी आवश्यकता हो सकती है, यदि आप चैत्र 2025 का दृक पंचांग देखना चाहें अथवा pdf डाउनलोड करना चाहें तो यहां क्लिक करके का सकते हैं।

चैत्र मास 2025

चैत्र माह 2025 दिनांक १५/०३/२०२५ से १३/०४/२०२५ तक है। चैत्र मास में होने वाले पर्व-त्योहार हैं होली, वर्षारम्भ, वासंतीय नवरात्र और श्री रामनवमी। इसके साथ ही चतुर्थी, एकादशी, प्रदोष त्रयोदशी, अमावास्या, पूर्णिमा आदि की जानकारी भी महत्वपूर्ण है जो यहां क्रमशः दी जा रही है।

होली कब है 2025

चैत्र कृष्ण प्रतिपदा (औदयिक) को होली होता है और इसके लिये हमें 2025 के होली हेतु औदयिक चैत्र कृष्ण प्रतिपदा को जानना होगा।

  • 15 मार्च 2025 शनिवार को प्रतिपदा 2:33 PM तक है।
  • औदयिक चैत्र कृष्ण प्रतिपदा इसी दिन उपलब्ध है।
  • शास्त्रों में औदयिक चैत्र कृष्ण प्रतिपदा को ही होली मनाने के लिये ग्राह्य बताया गया है।
  • इस कारण शास्त्रों के प्रमाण से 2025 में होली 15 मार्च शनिवार को है।
  • 2025 होली की एक विशेषता यह है कि इस बार यह होलिका के दूसरे दिन न होकर तीसरे दिन है।

होली कैसे मनाते हैं

  • अङ्गे भस्मं च कारयेत् – प्रातः काल शुद्ध होकर भस्म धारण करे।
  • सर्वाङ्गे च ललाटे च – पूरे शरीर और ललाट में भस्म लगाये।
  • क्रीडितव्यं पिशाचवत् – भस्म धारण करके पिशाचवत् खेले।
  • सिन्दूरैः कुङ्कुमैश्चैव – सिंदूर/कुंकुम आदि लगाये।
  • धूलिभिर्धूसरो भवेत् – धूलि लगाकर धूसर हो जाये।
  • गीतं वाद्यं च नृत्यं च – गाये, बजाये और नाचे।
  • रथ्योपसर्पण – सड़कों पर चले/दौरे/उछल-कूद करे।
  • एकीभूय प्रकर्तव्या क्रीडा – सभी वर्णों/जातियों के लोग एकत्रित होकर होली खेले।

होली – Holi 2025

वारुणी योग 2025

  • चैत्र कृष्ण त्रयोदशी के दिन यदि शतभिषा नक्षत्र हो तो वारुणी योग होता है।
  • वारुणी योग में यदि शनिवार का भी योग हो जाये तो महावारुणी योग हो जाता है।
  • यदि महावारुणी योग में शुभ योग भी समन्वित हो जाये तो महामहावारुणी योग का निर्माण होता है।
  • वारुणी योगों में गंगा स्नान का बहुत ही महत्व होता है।

27 मार्च 2025 गुरुवार को चैत्र कृष्ण चतुर्दशी है और शतभिषा नक्षत्र है। शतभिषा नक्षत्र चूंकि रात 12:33 बजे तक है अर्थात दिन भर वारुणी योग है।

वारुणी योग में स्नान का संकल्प मंत्र : ओं अद्यादि चैत्रे मासि कृष्णे पक्षे वारुणयुक्त त्रयोदश्यां तिथौ गोत्रस्य शमर्णः (वर्मादि यथायोग्य) सूर्यग्रहण कालीन गंगास्नानजन्यफल शतगुणफल प्राप्तिकामो गंगाया स्नानमहं करिष्ये।

संवत्सरारम्भ २०८२ अर्थात वर्षारम्भ

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन ही नव संवत्सर का आरम्भ अर्थात वर्षारम्भ होता है। अगला संवत्सर २०८२ आरम्भ होगा उसका नाम सिद्धार्थ है, इस दिन रविवार है। यदि दिनांक जानना चाहें तो ३० मार्च २०२५ है।

वासंतीय नवरात्र / चैत्र मास की नवरात्रि 2025

वर्ष में चार नवरात्रा होती है जिसमें से एक है चैत्र मास की नवरात्रि जिसे वसंत ऋतु के कारण वासंतीय नवरात्र भी कहा जाता है। ३० मार्च २०२५ रविवार को चैत्र शुक्ल प्रतिपदा है इसलिये इस दिन नवरात्रा का आरम्भ होता है और ६ अप्रैल २०२५ रविवार को चैत्र शुक्ल नवमी है। यदि दशमी की बात करें तो अगले दिन है। इस प्रकार 2025 में चैत्र मास की नवरात्रि दिनांक ३० मार्च २०२५ रविवार से ६ अप्रैल २०२५ रविवार तक है।

रामनवमी कब है 2025

वर्ष 2025 में रविवार 6 अप्रैल को चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की औदयिक नवमी है जो 5:22 pm तक है अर्थात मध्याह्न व्यापिनी है अतः वर्ष 2025 में रामनवमी 6 अप्रैल रविवार को रामनवमी है। इस दिन पुनर्वसु नक्षत्र उपलब्ध नहीं है।

व्रतादि चैत्र माह 2025

  • श्रीविकट गणेश चतुर्थी : सोमवार दिनांक १७ मार्च २०२५
  • पापमोचनी एकादशी : मंगलवार, दिनांक २५ मार्च २०२५
  • प्रदोष त्रयोदशी : गुरुवार, दिनांक २७ मार्च २०२५
  • प्रदोष चतुर्दशी : शुक्रवार, दिनांक २८ मार्च २०२५
  • चैत्र मास की अमावास्या : शनिवार, दिनांक २९ मार्च २०२५
  • श्री गणेश चतुर्थी : मंगलवार, १ अप्रैल २०२५
  • कामदा एकादशी : मंगलवार, ८ अप्रैल २०२५
  • प्रदोष त्रयोदशी : गुरुवार, १० अप्रैल २०२५
  • प्रदोष चतुर्दशी : शुक्रवार, ११ अप्रैल २०२५
  • चैत्र मास की पूर्णिमा : रविवार, १३ अप्रैल २०२५

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