मासिक व्रत : फाल्गुन माह 2025 के सभी व्रत-पर्व ~ विजया एकादशी, महाशिवरात्रि व्रत, आमलकी एकादशी, होलिका

मासिक व्रत : फाल्गुन माह 2025 के सभी व्रत-पर्व ~ विजया एकादशी, महाशिवरात्रि व्रत, आमलकी एकादशी, होलिका

पूर्णिमा को फाल्गुनी नक्षत्र के योग से इस मास का नाम फाल्गुन होता है। फाल्गुन माह 2025 का आरम्भ गुरुवार 13 फरवरी को हो रहा है और शुक्रवार 14 मार्च को समाप्त हो रहा है। यदि कुम्भ संक्रांति की बात करें तो यह 12 फरवरी बुधवार को ही रात्रि 9:54 बजे होगा किन्तु इसका पुण्यकाल अगले दिन अर्थात फाल्गुन कृष्ण प्रतिपदा को होगा। फाल्गुन माह में मीन संक्रांति पूर्णिमा को पड़ती है।

फाल्गुन माह में दो मुख्य व्रत-पर्व होते हैं : फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी (प्रदोष व्यापिनी) को महाशिवरात्रि व्रत और फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा को होलिका दहन। होली फाल्गुन माह में नहीं होता है अपितु चैत्र कृष्ण प्रतिपदा को होगा है जो औदयिक हो। इसके साथ ही दोनों पक्षों की एकादशी भी प्रमुख ही होती है। यहां फाल्गुन माह 2025 के व्रत-पर्वों की जानकारी दी गयी है।

यद्यपि अदृश्य पंचांग कर्ताओं द्वारा यह बताया जा रहा है कि व्रत-पर्व-मुहूर्तादि में अदृश्य पंचांग ही ग्राह्य होता है किन्तु यह व्यापारिक वक्तव्य होता है, वास्तविकता यही है कि व्रत-पर्व हो अथवा मुहूर्त शोधन सर्वत्र दृक पंचांग ही ग्राह्य है, और अदृश्य पंचांग के पोषक जो तथ्य (प्रमाण) देकर अदृश्य पंचांग का समर्थन करते हैं वो भी अदृश्य पंचांग का खंडन करते हुये दृश्य पंचांग की ही सिद्धि करते हैं। इस प्रकार व्रत-पर्व हो अथवा शुभ मुहूर्त सर्वत्र दृश्य पंचांग से ही निर्णय करना चाहिये, जातक तो निर्विवाद दृक पंचांग से करे।

यदि आप फाल्गुन 2025 का दृक पंचांग देखना चाहें अथवा pdf डाउनलोड करना चाहें तो यहां क्लिक करके का सकते हैं।

फाल्गुन मास 2025

फाल्गुन मास 2025 दिनांक 13/2/2025 गुरुवार से 14/3/2025 शुक्रवार तक है। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि में वृद्धि हो रही है तो शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि का क्षय हो रहा है और इस प्रकार से फाल्गुन 2025 में ३० दिन है। फाल्गुन मास में २ गृहारम्भ का मुहूर्त है, ३ गृहप्रवेश मुहूर्त है, ३ दिन मुंडन के मुहूर्त, ३ दिन उपनयन मुहूर्त, ९ दिन विवाह मुहूर्त है, ७ दिन द्विरागमन मुहूर्त है, ५ दिन देवादिप्रतिष्ठा का मुहूर्त है। अब हम फाल्गुन मास के व्रत और पर्व-त्यौहार के दिनों को समझेंगे।

विजया एकादशी 2025

फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी का नाम विजया एकादशी है। 2025 में विजया एकादशी 24 फरवरी सोमवार को है। इस दिन औदयिक एकादशी दिन के १/४४ बजे तक है। अगले दिन एकादशी का पारण गोदधि से है।

महाशिवरात्रि 2025

भगवान शिव और पार्वती का विवाह फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को हुआ था और इसी कारण इसे महाशिवरात्रि कहा जाता है। महाशिवरात्रि व्रत १४ वर्षों तक करना चाहिए। इस व्रत में रात के चारों पहर भगवान भोलेनाथ की पूजा की जाती है, रात्रिजागरण, नृत्य-गीत, मन्त्र जप, स्तोत्र पाठ आदि करना चाहिए, प्रत्येक प्रहर में प्रहर संबंधी अथवा यथोपलब्ध वस्तुओं से भी पूजन करे।

महाशिवरात्रि 2025 में 26 फरवरी बुधवार को है। इस दिन त्रयोदशी 11:08 बजे मध्याह्न तक है। महाशिवरात्रि में प्रदोषकालीन चतुर्दशी ग्रहण किया जाता है।

आमलकी एकादशी 2025

फाल्गुन शुक्ल पक्ष एकादशी का नाम आमलकी एकादशी है वर्ष 2025 में आमलकी एकादशी दिनांक 10 मार्च सोमवार को है। इस दिन औदयिक एकादशी प्रातः काल 7:44 बजे तक है। इस दिन एकादशी उद्यापन करने वालों के लिये एकादशी उद्यापन का भी महूर्त है।

फाल्गुनी पूर्णिमा – होलिका दहन

होली से पहले की रात को होलिका दहन की रात कहते हैं, किन्तु ऐसा अनिवार्य नहीं है कि सदैव होली की पिछली रात ही होलिका दहन हो। होलिका दहन के लिये बहुत विशेष विधान है और कई बार होलिका दहन से एक दिन आगे जाकर भी होली होता है। होलिका दहन फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा को भद्रारहित काल में किया जाता है। होलिका दहन रात्रि में ही हो और भद्रारहित काल में हो दोनों अनिवार्य है। किन्तु यदि किसी कारण से रात्रि में भद्रारहित काल न हो तो मुख-पुच्छादि विचार करके करे।

होलिका दहन में सुखी लकड़ियां, गोबर का कण्डा (गोयठा) आदि का ढेर बनाये। अग्नि प्रज्वलित होने के बाद होलिका की विविध पूजा सामग्रियों से पूजा भी करे और अबीर, पक्वान्न आदि डाले। होलिका दहन मात्र एक परम्परा नहीं है। होलिका दहन की विधि एवं मंत्रों का उल्लेख शास्त्रों में हैं। होलिका दहन मुहूर्त के लिये कई विशेष नियम भी है।

फाल्गुन शुक्ल औदयिक पूर्णिमा 14 मार्च शुक्रवार को है किन्तु वो मध्याह्न 12:23 बजे तक है अर्थात इस दिन न तो होली और न ही होलिकादहन है। रात्रिकालीन पूर्णिमा 13 मार्च गुरुवार को ही है अतः होलिका दहन 2025 में 13 मार्च गुरुवार को ही है। 13 मार्च गुरुवार को विष्टि रात्रि 11:26 तक है अतः वर्ष 2025 में होलिका दहन फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा (निशाकालीन) 13 मार्च गुरुवार को विष्टि समाप्त होने के पश्चात् अर्थात रात्रि 11:26 के पश्चात् है।

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